Thursday, August 23, 2007

देश प्रेमियों

भारत वर्ष के लाडलों,
देश चाहता है तुम्हें,
सत्य स्थापित करने को,
प्रेम धारा बांटने को,
पुकार रही वो मां तेरी,
तू आ.....बस आ

1 comment:

Pramod Yadav said...

तुुमने तो लगता है कि कसम खा ली है कि लिखूंगा तो बस दो चार लाइने ही लिखूंगा. ऐसा क्यों भाई...
ळिखो औऱ लिखो सोचो मत...
सोचोगो तो पीछे ही रह जाओगे